Saturday 13 December 2014

कोई नई कहानी लिख

मत बातें वही पुरानी लिख।
अब कोई नई कहानी लिख।

समझ जिंदगी का मतलब,
और मौत के मानी लिख।

मत ले जायजा तूफानों का
तूने क्या है ठानी लिख।

जब देखो तब लैला मजनूं
कभी तो रोटी-पानी लिख।

छोड़ शहर और पिज्जा-बर्गर
गाँव लिख, गुड़-धानी लिख।

नजर उठाकर देख बहन को
फिर शीला की जवानी लिख।

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