Sunday 14 April 2013

मय प्यार की

पीकर के मय प्यार की लड़खड़ाने की चीज है।
किसने कहा के जिंदगी होश मेँ आने की चीज है।
रख कर के जाम साकी जाते कहाँ हो तुम,
पियाला ये काँच का क्या होठोँ से लगाने की चीज है।
पहले आँखोँ मेँ हरेक की उम्मीद के जुगुनू जगाइये,
मशाल ये हाथ की बाद मेँ जलाने की चीज है।
मिलाना ही चाहते हो तो कभी दिल को मिलाइये,
हर बार हाथ बढ़ाते हो ये भी कोई मिलाने की चीज है।

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